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अयोध्या शहर (Ayodhya) उत्तर प्रदेश के सरयू नदी के तट पर स्थित है। इतिहास में अयोध्या नगरी को साकेत के नाम से जाना जाता था , जिसका उल्लेख हमें बौद्ध और जैन गंथो में देखने को मिलता है।
अयोध्या नगरी हिंदुओं के लिए पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक मानी जाती है। अयोध्या नगरी को अथर्ववेद में ईश्वर की नगरी बताया गया है, जिसकी तुलना स्वर्ग से की गई है। अयोध्या नगरी राजा दशरथ और उनके पुत्र भगवान श्री राम से लेकर मुगल साम्राज्य ब्रिटिश साम्राज्य की कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है।
यह स्थान रामभक्त हनुमान के आराध्य प्रभु श्रीराम का जन्म स्थान है। इसके प्रमाण यहां पर पर्याप्त रूप से मिलते हैं। भगवान राम का जन्म 5114 ईसवी पूर्व हुआ था। जो चैत्र मास की नवमी को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है।
अयोध्या नगरी का क्षेत्रफल:
रघुवंशी राजाओं की राजधानी अयोध्या पहले कौशल जनपद की राजधानी थी। प्राचीन मतों के अनुसार अयोध्या नगरी का क्षेत्रफल 96 वर्ग मील था। जिसका वर्णन वाल्मीकि ने रामायण के पांचवें सर्ग में विस्तार पूर्वक किया गया है।
अयोध्या नगरी के दर्शनीय स्थल :
अयोध्या घाटों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध नगरी है। यहां सरयू नदी के किनारे 14 प्रमुख घाट है। जिसमें गुप्त द्वारघाट, कौशल्या घाट , कैकईघाट , पापमोचन घाट और लक्ष्मण घाट इत्यादि। इन सब की अतिरिक्त कनक भवन, हनुमान गढ़ी , तुलसी स्मारक भवन, राम पार्क ,मणि पर्वत, रामकोट श्री नागेश्वर मंदिर, सरयू घाट इत्यादि प्रसिद्ध है।
अयोध्या Ayodhya राम मंदिर पर विवाद:
अयोध्या मंदिर बनवाने का विवाद लगभग 1858 में शुरू हुआ था। इसका पहला मामला 1885 में दर्ज किया गया था। विश्व हिंदू परिषद ने इस मंदिर के शिलान्यास किया जाने के लिए कई प्रयास किया। राम मंदिर बनवाना उस समय एक राजनीतिक मुद्दा बन गया था। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने विभाजित स्थान को राम मंदिर को आवंटित करने पर लगा दिया था।
वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में रामलला मंदिर का शिलान्यास किया। पूर्व निर्धारित तिथि के अनुसार राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी 2024 को आयोजित हुआ और जन सामान्य के लिए राम मंदिर के द्वारा खोल दिया गया।
- अयोध्या में राम मंदिर के लिए 2.7 एकड़ की भूमि आवंटित की गई।
- जिसमें मंदिर का क्षेत्रफल 57400 वर्ग फुट है।
- मंदिर 360 फीट लंबा 235 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा है।
- यह मंदिर हिंदुओं के लिए श्रद्धा के साथ एक पर्यटन का केंद्र भी बन गया है। अयोध्या राम मंदिर बनवाने की यह यात्रा जन सामान्य को हमेशा याद रहेगी।
अयोध्या (Ayodhya) राममंदिर की वास्तुकला :
रामलाल का मंदिर नागर शैली की स्थापत्य कला पर आधारित है। जो जटिल शिल्प कौशल का दर्पण है। मंदिर के ऊंचे शिखर उसकी भव्यता को दर्शाते हैं। मंदिर निर्माण में आधुनिक तकनीकी और पारंपरिक मिश्रण देखने को मिलता है। राम मंदिर केवल धार्मिक विजय नहीं बल्कि सदियों से चल रहे विवाद के समापन का प्रतीक है। राममंदिर एक आशा की किरण को दर्शाता है जो सहयोग की भावना और गौरव को पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध करता है। जिससे अयोध्या एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में विश्व प्रसिद्ध हो गया हैं।
राममंदिर की प्रमुख विशेषताएं:
अयोध्या (Ayodhya) में निर्मित रामलाल का मंदिर की दिव्यता अनोखी है।
- मंदिर तीन मंजिलों में बनाया गया है।
- प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रखी गई है।
- मंदिर के भूतल में 160 स्तंभ है। पहली मंजिल पर 132 स्तंभ और दूसरी मंजिल पर 34 स्तंभ बनाए गए हैं।
- मंदिर में पांच शिखर और पांच मंडप निर्मित किए गए हैं।
- मंदिर में 12 द्वार बनाए गए हैं।
रामलला की मूर्ति का विवरण:
अयोध्या में विराजमान रामलीला की मूर्ति की लंबाई 51 इंच और उसका वजन 1.5 तन है। मूर्ति की चौड़ाई 3 फिट है। कमल दल पर खड़ी मूर्ति के हाथ में धनुष विराजमान है। रामलला की मूर्ति के ऊपर स्वास्तिक,ओम, चक्र,गड़ा, सूर्य भगवान विराजमान है।
मूर्ति में भगवान विष्णु के 10 अवतार स्पष्ट रूप से बनाए गए हैं। रामलला का मतलब भगवान राम का बाल रूप है, इसलिए भगवान रामलाल की मूर्ति को बाल रूप में बनाया गया है, जिसमें भगवान श्री राम को 5 साल के बच्चे के रूप में दिखाया गया है।
भगवान के कोमल चरणों को पत्थर के बने कमल पर विराजमान किया गया है। रामलाल की मूर्ति काले रंग के शालिग्राम पत्थर से निर्मित है। जिसका निर्माण कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज जी ने किया है।
अयोध्या कैसे जाएं : How to reach Ayodhya
हवाई मार्ग के द्वारा अयोध्या जाने के लिए कई एयरलाइंस की फ्लाइट्स उपलब्ध है। महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लखनऊ हवाई अड्डा जहां से मंदिर तक की दूरी 10 किलोमीटर है। गोरखपुर प्रयागराज वाराणसी हवाई अड्डे से भी आप यहां पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध होती है अयोध्या से विभिन्न शहर जैसे लखनऊ लगभग 130 किलोमीटर, वाराणसी 200 किलोमीटर, दिल्ली 636 किलोमीटर , प्रयागराज 160 किलोमीटर है।
जहां से नित्य बस अयोध्या आती जाती रहती है।
रेल मार्ग के द्वारा अयोध्या रेल मार्ग लखनऊ से 128 किलोमीटर गोरखपुर से 171 किलोमीटर है। अयोध्या के लिए कोई डायरेक्ट ट्रेन तो उपलब्ध नहीं है, पर लखनऊ होते हुए कई ट्रेन अयोध्या होकर जाती है। जिससे आप अयोध्या पहुंच सकते हैं।
देश भर के अलग-अलग शहरों से अयोध्या के लिए ट्रेन आप ले सकते हैं। अयोध्या जंक्शन से राम मंदिर लगभग 6 किलोमीटर है। स्टेशन से आपको टैक्सी मिल जाएगी जो आपको सीधे राम मंदिर पहुंचा देगी।
अयोध्या मंदिर में दर्शन का समय : Ayodhya Temple timings
22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर में भक्तजनों का आवागमन शुरू हो गया था। मंदिर सुबह 6:00 बजे से खुल जाता है, और 1:00 बजे तक खुला रहता है। दोपहर 3:00 बजे से दर्शन फिर शुरू होते हैं,और दर्शन रात को 10:00 बजे तक जारी रहते हैं। शाम को 7:00 बजे संध्या आरती होती है। भक्तगण प्रभु को दूध और फल से भोग लगाते हैं।
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन का समय निम्नलिखित है:
सुबह:
- मंगला आरती: 5:30 बजे
- श्रृंगार आरती: 7:00 बजे
- दर्शन: 7:30 बजे से 12:00 बजे तक
दोपहर:
- भोग आरती: 12:00 बजे
- मध्यान्ह विश्राम: 12:30 बजे से 3:00 बजे तक
शाम:
- राजभोग आरती: 3:00 बजे
- शाम आरती: 6:00 बजे
- शयन आरती: 7:00 बजे
- दर्शन: 3:30 बजे से 9:00 बजे तक
ध्यान दें:
- मंदिर सोमवार को बंद रहता है।
- दर्शन के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।
- मंदिर में प्रवेश करने के लिए आपको अपना आधार कार्ड या कोई अन्य पहचान पत्र दिखाना होगा।
- आपको मंदिर में प्रवेश करते समय ड्रेस कोड का पालन करना होगा।
- मंदिर में प्रवेश करने से पहले आपको अपने जूते उतारने होंगे।
अयोध्या मंदिर में दर्शन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण:
आप अयोध्या मंदिर की वेबसाइट पर जाकर दर्शन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। ऑनलाइन पंजीकरण आपको दर्शन के लिए एक निश्चित समय स्लॉट प्रदान करेगा।
अयोध्या नगरी अपनी सांस्कृतिक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में सर्वथा अमर रहेगी और भारतीय समाज में गहरी रूप से प्रतिष्ठित रहेगी ।
इसके अतिरिक्त मोदी जी ने अयोध्या में रामलला को पुनः स्थापित कर अयोध्या का पुनरुद्धार किया है, जो भारतीयों को के लिए अविस्मरणीय रहेगा।भारतीय संस्कृति की धरोहर और श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र अयोध्या