भारत में अरुणाचल प्रदेश में सबसे पहेले सूर्योदय होता है. इसी वजह से इस राज्य का नाम उगते हुए सूरज के नाम पर से रखा गया है. इसी वजह से अरुणाचल प्रदेश को उगते हुए सूरज की भूमि भी कहा जाता है.

अरुणाचल, अरुण यानि की सूरज और चल यानि की उदय होना. इस तरह से अरुणाचल नाम रखा गया. अरुणाचल प्रदेश में मोजूद डोंग वैली Dong Valley की देवांग घाटी भारत में मोजूद एक मात्र एसी जगह है जहा पर दिन और रात का समय भारत के अन्य राज्यों से अलग है.

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भारत के गुजरात राज्य में स्थित गुहारमोती जो भारत का सबसे आखिरी पश्चिमी छोर है वहां पर सूरज सबसे आखिर में अस्त होता है. Summer के टाइम पर गुजरात में साम के 7.30 के बाद सूरज अस्त होता है वही भारत के ज्यादातर राज्य में इस वक्त अँधेरा हो चूका होता है. एसा इस लिए होता है क्यूंकि सूरज पूर्व में उदय होता है और पश्चिम में अस्त होता है. क्यूंकि गुजरात भी पश्चिम में है इसी वजह से सबसे आखिर में सूरज यहाँ पर अस्त होता है.

अगर आपको प्रकृति के रूप में भगवान् का प्यार देखना है, तो सूर्योदय के दर्शन करें। सच में दिन की शुरुआत अगर धरती पर पड़ने वाली किरणों से हो, तो पूरा दिन स्वस्थ और ताजगी (healthy and fresh) बना रहता है, इसलिए सुबह जल्दी उठ कर सैर करने की सलाह दी जाती है। यह तो सब लोग जानते हैं कि भारत में सबसे पहले सूर्योदय अरुणाचल प्रदेश में होता है। लेकिन इस बात से बहुत कम लोग परिचित होंगे कि अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में वह कौन सी जगह है, जहां पर भारत में सबसे पहले सूर्य की किरण (First sunrise place in India) पड़ती है।

भारत के अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में सूरज सबसे पहले निकलता है। इस राज्य की जमीन पर सबसे पहले सूरज की किरणे गिरती हैं। अब आप जानना चाहते होंगे की अरुणांचल प्रदेश के किस जगह पर सूर्य सबसे पहले दिखाई देता है। तो आपको बता दे की उस जगह का नाम डोंग वैली की वेदांग घाटी (Vedang Valley of Dong Valley) है। यह भारत, चीन और म्यांमार (India, China and Myanmar) के ट्राइजंक्शन पर बसा अरुणाचल प्रदेश का छोटा सा गांव है। इसे आप पूर्वोत्तर छोर पर बसा भारत का पहला गांव भी कह सकते हैं। भारत के इसी गांव में सूर्य की सबसे पहली किरण (First sunrise place in India) पड़ती हैं।

नए साल पर देश भर के टूरिस्ट यहाँ सूरज की पहली किरण देखने पहुंचते हैं। दिल्ली में जब दोपहर के चार बजते हैं, तो वो वक्त यहाँ रात का है। यहाँ सूरज निकलने से पहले रात 3 बजे से ही उसकी लालिमा दिखने लगती है। यहां शाम का हाल भी करीब-करीब एक सा है। डोंग में आप साल में किसी भी महीने में आ सकते हैं। लेकिन भ्रमण का आदर्श समय अप्रैल से अक्टूबर के मध्य का है। सुबह के 3 बजे जब दिल्ली-मुंबई समेत देश के अधिकांश भागों के लोग गहरी नींद में सो रहे होते हैं। तब इस डोंग गांव (Dong Valley) में सूर्य की पहली किरण पड़ती है और सुबह 4 बजे तक पूरी तरह उजाला हो जाता है।

डोंग गांव में करीब 12 घंटे का दिन होता है। शाम 4 बजे जब देश के बाकी हिस्सों के लोग चाय की तैयारी कर रहे होते हैं, तब तक इस गांव में रात हो जाती है। साथ ही लोग रात का खाना बनाने और सोने की तैयारी में लग जाते हैं। डोंग गांव प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है। वह लगभग 1240 मीटर की ऊंचाई पर है। यह गांव लोहित नदी और सती नदी के जंक्शन पर बसा है। इस गांव में भारत की सीमाएं चीन और म्यांमार से मिलती हैं। इस गांव की आबादी मुश्किल से 35 लोगों की है।

यह गांव 1999 में प्रकाश में आया था। उससे पहले तक माना जाता था कि भारत में सूर्य की पहली किरण अंडमान के कटचल टापू (Katchal Islands of Andaman) पर पड़ती हैं। बाद में पता चला कि अंडमान नहीं बल्कि अरुणाचल प्रदेश के डोंग गांव (Dong Valley) में सबसे पहले सूर्योदय होता है। इसके बाद यहां पर पर्यटकों, नेचर लवर और रोमांच को पसंद करने वाले लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया।

By JP Dhabhai

Hi, My name is JP Dhabhai and I live in Reengus, a small town in the Sikar district. I am a small construction business owner and I provide my construction services to many companies. I love traveling solo and with my friends. You can say it is my hobby and passion.

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