राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भर्तृहरि धाम एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यहाँ हर साल भाद्रपद महीने में भर्तृहरि का मेला लगता है। यह मेला राजस्थान के सबसे बड़े और प्रसिद्ध मेलों में से एक है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु और पर्यटक भाग लेते हैं।

मेले की इतिहास


भर्तृहरि का मेला राजस्थान के सबसे पुराने मेलों में से एक है। इस मेले की शुरुआत कब हुई, इस बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है, लेकिन माना जाता है कि यह मेला सैकड़ों सालों से आयोजित किया जा रहा है। मेले का नाम राजा भर्तृहरि के नाम पर रखा गया है, जो उज्जैन के एक राजा थे। राजा भर्तृहरि ने इस स्थान पर तपस्या की थी और बाद में उन्होंने इसी स्थान पर समाधि ले ली थी।

भर्तृहरि महाराज


राजा भरतरी का जन्म 5वीं शताब्दी में हुआ था। वे उज्जैन के राजा थे। राजा भर्तृहरि धर्मनिष्ठ और बुद्धिमान थे। उन्होंने अपने राज्य में प्रजा का कल्याण किया। एक दिन राजा भरतरी ने अपनी पत्नी से कहा कि उन्हें संसार का त्याग कर तपस्या करने की इच्छा है। उनकी पत्नी ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन राजा भरतरी ने उनकी बात नहीं मानी।

राजा भर्तृहरि ने इस स्थान पर तपस्या की और बाद में उन्होंने इसी स्थान पर समाधि ले ली। राजा भर्तृहरि के तप से इस स्थान की महत्ता बढ़ गई और बाद में यहाँ भर्तृहरि का मेला लगने लगा।

मेले का मुख्य आकर्षण


भर्तृहरि का मेला अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इस मेले में भर्तृहरि नाथ मंदिर के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं। मेले में कई तरह के धार्मिक आयोजन और कार्यक्रम होते हैं, जिनमें भजन-कीर्तन, प्रवचन, संगीत कार्यक्रम और कवि सम्मेलन शामिल हैं। मेले में विभिन्न प्रकार की दुकानें और स्टाल भी लगाए जाते हैं, जिन पर स्थानीय हस्तशिल्प और खाद्य पदार्थों की बिक्री होती है।

विश्राम की व्यवस्थाएं


भर्तृहरि धाम के पास कई होटल, धर्मशालाएँ और विश्राम गृह हैं। मेले के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए पर्याप्त आवास की व्यवस्था की जाती है।

कैसे पहुँचें


भर्तृहरि धाम अलवर शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है। यह सड़क, रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग से: अलवर से भर्तृहरि धाम के लिए नियमित बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग से: भर्तृहरि धाम के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन अलवर है। अलवर से भर्तृहरि धाम के लिए बस या टैक्सी से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
हवाई मार्ग से: भर्तृहरि धाम का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर है। जयपुर से भर्तृहरि धाम के लिए बस या टैक्सी से आसानी से पहुँचा जा सकता है।

निष्कर्ष


भर्तृहरि का मेला राजस्थान के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मेला लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है

By JP Dhabhai

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