राजस्थान के सबसे बड़े मेलों में से एक आसींद का देवनारायण का मेला

आसींद, राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में स्थित एक छोटा सा गांव है। यह गांव अपने प्रसिद्ध देवनारायण मंदिर के लिए जाना जाता है, जो गुर्जर समाज के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। हर साल भाद्रपद शुक्ल सप्तमी (4 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 41 मिनट) को यहां देवनारायण मेला लगता है, जो राजस्थान के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध मेलों में से एक है।

मेले का इतिहास

आसींद का देवनारायण मेला प्राचीन काल से ही आयोजित किया जा रहा है। यह मेला भगवान देवनारायण की जयंती के अवसर पर आयोजित किया जाता है। भगवान देवनारायण एक लोक देवता हैं, जिन्हें गुर्जर समाज के लोग विशेष रूप से पूजते हैं।

मेले का मुख्य आकर्षण

आसींद (भीलवाड़ा) में लगने वाले देवजी के मेले का मुख्य आकर्षण देवजी की पालकी यात्रा है। यह यात्रा हर साल कार्तिक पूर्णिमा को होती है। देवजी की पालकी को भीलवाड़ा जिले के आसींद गांव से लेकर राजस्थान के कई जिलों में घुमाया जाता है। इस यात्रा में लाखों लोग शामिल होते हैं।

देवजी की पालकी यात्रा के अलावा, इस मेले में अन्य कई आकर्षण भी हैं। इनमें शामिल हैं:

  • देवजी का मंदिर: आसींद गांव में स्थित देवजी का मंदिर इस मेले का केंद्र बिंदु है। यह मंदिर 15वीं शताब्दी में बनाया गया था।
  • मेला बाजार: मेले में एक बड़ा बाजार लगता है, जहां तरह-तरह के सामानों की बिक्री होती है।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम: मेले में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोक नृत्य, लोक संगीत और लोक नाटक शामिल हैं।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम: मेले में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोक नृत्य, संगीत और नाटक शामिल हैं।
  • सवारी और झूले: मेले में विभिन्न प्रकार के सवारी और झूले लगाए जाते हैं, जिनका आनंद श्रद्धालु और पर्यटक दोनों ले सकते हैं।
  • व्यापार और खरीदारी: मेले में विभिन्न प्रकार के सामानों की बिक्री के लिए दुकानें और स्टाल लगाए जाते हैं। श्रद्धालु और पर्यटक यहां अपनी पसंद की वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं।

देवजी का मेला राजस्थान के सबसे बड़े और प्रसिद्ध मेलों में से एक है। यह मेला राजस्थान की लोक संस्कृति और परंपराओं का एक अनूठा नमूना प्रस्तुत करता है।

यहां कुछ अन्य आकर्षण दिए गए हैं जो देवजी के मेले को खास बनाते हैं:

  • मेले में विभिन्न प्रकार के खेल और मनोरंजन के साधन उपलब्ध होते हैं।
  • मेले में कई धार्मिक आयोजन भी होते हैं, जिनमें भजन-कीर्तन, पूजा-पाठ और धार्मिक प्रवचन शामिल हैं।
  • मेले में कई सामाजिक और शैक्षिक कार्यक्रम भी होते हैं।

देवजी का मेला एक ऐसा मेला है जो धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से समृद्ध है। यह मेला राजस्थान की विविधता और समृद्धि को प्रदर्शित करता है।

कैसे पहुंचें

आसींद भीलवाड़ा से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप यहां सड़क, रेल या हवाई मार्ग से पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग: आसींद राजस्थान के कई प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। आप यहां बस, टैक्सी या निजी वाहन से पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग: आसींद का निकटतम रेलवे स्टेशन भीलवाड़ा में स्थित है। भीलवाड़ा से आसींद के लिए नियमित बस सेवा उपलब्ध है।

हवाई मार्ग: आसींद का निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर में स्थित है। उदयपुर से आसींद के लिए टैक्सी या बस से पहुंचा जा सकता है।

विश्राम की व्यवस्थाएं

आसींद में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विभिन्न प्रकार की विश्राम की व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं। यहां कई होटल, ढाबे और धर्मशालाएं हैं। आप अपनी आवश्यकता और बजट के अनुसार यहां ठहर सकते हैं।

सुझाव

मेले के दौरान आसींद में भीड़भाड़ होती है। इसलिए, यदि आप मेले में आने का योजना बना रहे हैं, तो पहले से ही अपनी यात्रा की योजना बना लें।

मेले के दौरान ठहरने और खाने-पीने के लिए पहले से ही व्यवस्था कर लें।

मेले में आने के लिए आरामदायक कपड़े और जूते पहनें।

धूप से बचने के लिए टोपी या साड़ी का इस्तेमाल करें।

आसींद का देवनारायण मेला राजस्थान के एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन है। यह मेला गुर्जर समाज के लोगों के लिए एक विशेष महत्व रखता है। यदि आप राजस्थान की संस्कृति और लोकधर्म को करीब से जानना चाहते हैं, तो आपको इस मेले में जरूर जाना चाहिए।

By JP Dhabhai

Hi, My name is JP Dhabhai and I live in Reengus, a small town in the Sikar district. I am a small construction business owner and I provide my construction services to many companies. I love traveling solo and with my friends. You can say it is my hobby and passion.

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