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भारत के उत्तरी भाग में स्थित प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ, वनों ,नदियों, पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र उत्तराखंड अपनी ऑफबीट स्थलों के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है। उत्तराखंड में धार्मिक स्थल, ध्यान केंद्र, पर्वतीय स्थल, आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्रों के साथ ऑफबीट स्थल भी बड़ी संख्या में देखने को मिलते हैं। जिसे देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं। यहां की स्थानीय विविधता पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है।
उत्तराखंड के प्रसिद्ध ऑफ बीट स्थल:
- मसूरी
- नैनीताल
- अल्मोड़ा
- हल्द्वानी
- गौरीकुंड
- कसौली
- मुक्तेश्वर
- बैजनाथ
- तुंगगढ़
- भीमताल
- औली
- धारचूला
- जागेश्वर आदि है
1 मसूरी:
उत्तराखंड के सबसे प्रसिद्ध रोमांटिक हिल स्टेशनों में से मसूरी एक है। जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह गढ़वाल हिमालय पर्वतमाला की तलहटी के बीच मसूरी को क्वीन ऑफ़ हिल्स भी कहा जाता है।
समुद्र तल से 7000 फीट की ऊंचाई पर यह स्थित है। मसूरी को यमुनोत्री और गंगोत्री के धार्मिक केंद्रों के प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है। यहां की खूबसूरत पहाड़ियां पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है।
मसूरी के मशहूर बाजार
1 माल रोड 2 कैंब्रिज बुक डिपो 3 कुलरी बाजार
4 हिमालयन वीवर्स 5 गांधी चौक 6 सिस्टर मार्केट प्रसिद्ध है।
यदि पर्यटक आसमान में उड़ना चाहते हैं तो मसूरी में पैराग्लाइडिंग करने का भी उन्हें विकल्प मिलता है। पहाड़ियों और हवा में वह मनोरंजन गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।
- मसूरी के दर्शनीय स्थल : लाल टिब्बा यह मसूरी में लगभग 6 किलोमीटर की दूरी डिपो हिल के टॉप पर स्थित है। ऊंचा स्थान होने के कारण इसे लाल टिब्बा कहा जाता है। लाल टिब्बा का अर्थ है, लाल पहाड़ी। जो 2275 मी ऊंचाई पर स्थित है।
लेक मिस्ट यह मसूरी की प्राचीन झीलों में से एक है। जिसका परिदृश्य बहुत शानदार है। इसकी खूबसूरत बात यह है कि यहां भीड़भाड़ कम होती है, इसलिए आप प्रकृति की गोद में शांति से आनंद ले सकते हैं। प्रकृति की गोद में हरे-भरे जंगलों के बीच नीले आसमान के नीचे वोटिंग करने के लिए यह बेहतर जगह है।
कैंपिटी फॉल्स मसूरी में कैंपिटी जल एक खूबसूरत झरना है। जो 40 फीट की ऊंचाई से जमीन पर गिरता है। यह समुद्र तल से लगभग 4500 फीट की ऊंचाई पर है। इसके अतिरिक्त भट्टा फॉल्स, क्लाउड एंड, गन हिल, द मॉल इत्यादि।
2 अल्मोड़ा:
उत्तराखंड में स्थित खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक अल्मोड़ा हिल स्टेशन भी है। जो समुद्र तल से लगभग 1638 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह चारों तरफ से पर्वतो से घिरा हुआ है।
यहां का प्राकृतिक सौंदर्य ,सांस्कृतिक विरासत ,प्राचीन मंदिर पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध और लोकप्रिय स्थल है। गर्मियों के महीना के दौरान यहां पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। यहां का मौसम बहुत सुहावना और सुखद रहता है। अल्मोड़ा के सभी बाजारों में सबसे प्रसिद्ध बाजार लाला बाजार है । यहां का 200 साल पुराना बाजार है। यहां बेहतरीन सामान जैसे शॉल, एथेनिक, ज्वेलरी, अंगोरा, ऊनी कपड़े इत्यादि
अल्मोड़ा में घूमने के लिए कुछ प्रसिद्ध स्थान
1 कसार देवी मंदिर
2 ब्राइट एंड कॉर्नर
3 बिनसर वन्य जीव अभ्यारण
4 नंदा देवी मंदिर
5 कटारमल सूर्य मंदिर
6 कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर संग्रहालय
7 चितई मंदिर
8 सोमेश्वर
9 जागेश्वर इत्यादि।
अल्मोड़ा के ऑफबीट स्थान
- डियर पार्क जो अल्मोड़ा से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर है। यह प्रकृति और वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक शानदार डेस्टिनेशन है। यहां आपको घूमते समय हिरण, तेंदुआ, काले भालू देखने को मिलते हैं।
- दूनागिरी एक छोटा सा शहर है जहां पर्यटक एकांत और शांति के लिए आते हैं।
- अल्मोड़ा से लगभग 3 किलोमीटर दूर ब्राइट एंड कॉर्नर है। यदि आप एडवेंचर करने की शौकीन है, तो काली शारदा नदी पर रिवर राफ्टिंग भी कर सकते हैं।
3 हल्द्वानी
उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थिति यह शहर व्यवसाय का परिवहन के केंद्र से महत्वपूर्ण माना जाता है। हल्द्वानी में प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में नाम ज्योतिर्मय मंदिर ,गौरीशंकर मंदिर और दरिया स्थल प्रसिद्ध है।
पर्यटकों के लिए हल्द्वानी उत्तराखंड के महत्वपूर्ण द्वार में से एक है। जहां से होकर आप नैनीताल, भीमताल, रानीखेत, मुक्तेश्वर,आधुनिक पर्यटन स्थलों की यात्रा कर सकते हैं। हल्द्वानी का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को अत्यधिक अच्छा लगता है।
4 नैनीताल:
हल्द्वानी से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर यह प्रमुख पर्यटन स्थल है। नैनीताल कुमाऊं पहाड़ियों के बीच स्थित है। जो चारों तरफ से झील के आकार में बनाया गया है। जिसे हम नैनी झील भी कहते हैं। झीलों के शहर के रूप में प्रसिद्ध नैनीताल बर्फ की पहाड़ियों और झीलों के लिए सर्वाधिक प्रसिद्ध माना जाता है। समुद्र तल से 1938 किलोमीटर की ऊंचाई पर यह बसा हुआ है।
नैनीताल शब्द का अर्थ है l द लेक ऑफ़ द आई । ऐसा माना जाता है माता सती की आंखें इस स्थान पर आकर गिर गई थी, जिसके कारण इसे नैना देवी के 51 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है।
नैनीताल में पर्यटकों के लिए एडवेंचर हेतु वाटर जोरविंग,पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग आदि गतिविधियां शामिल है। नैनीताल में पर्यटकों के घूमने के लिए इको केव गार्डन, नैना देवी मंदिर, मॉल रोड, स्नो व्यू प्वाइंट, टिफिन टॉप ,नैना पीक ।
नैनीताल का सबसे प्रसिद्ध बाजार मॉल रोड बाजार है। जहां आपको अपने पसंद की सभी चीज सही दामों में उपलब्ध हो जाती है।
दिसंबर माह में नैनीताल में पहली बार बर्फ देखने को मिलती है। फरवरी तक यहां अच्छी खासी स्नोफॉल हो जाती है। चारों तरफ पहाड़ियां बर्फ से ढकी होती हैं। जो देखने में बहुत ही आकर्षक लगती है।
5 रानीखेत :
उत्तराखंड के बेहद खूबसूरत जगह में एक रानीखेत है। दुनिया भर के टूरिस्ट यहां आते हैं। यह स्टेशन पर्यटकों को बार-बार आने के लिए प्रेरित करता है। यह उत्तराखंड के कुमाऊं में प्रकृति की गोद में बसा हुआ हिल स्टेशन है। जहां घने जंगल देवदार के वृक्ष, झरने, नदियां और खूबसूरत वादियां है।जो एक शांत हिल स्टेशन है।
दिल्ली से रानीखेत की दूरी 376 किलोमीटर है। और समुद्र तल से 1800 मीटर की ऊंचाई पर यह स्थित है।
रानीखेत का अर्थ रानी की भूमि है, ऐसा माना जाता है, कत्युरी शासक राजा सुधार देव की पत्नी पद्मिनी ने इस स्थान को अपने निवास के लिए चुना था।
रानीखेत से 7 किलोमीटर दूर झूला देवी मंदिर है। जो एक प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर है। इसके अतिरिक्त चौबटिया गार्डन बादाम और खुबानी के बगीचे रानीखेत से लगभग तीन किलोमीटर दूर है।
रानीखेत से 19 किलोमीटर दूर बिनसर महादेव मंदिर है। जिसके दर्शन के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं। रानीखेत से नैनीताल 63 किलोमीटर अल्मोड़ा 50 किलोमीटर कौसानी 85 किलोमीटर और काठगोदाम 80 किलोमीटर है। जो पर्यटक रानीखेत आते हैं वह उनके आसपास क्षेत्र को अभी लुफ्त उठाकर जाते हैं।
रानीखेत में पर्यटकों के लिए घूमने हेतु
- गोल्फ कोर्स जो रानीखेत से 5 किलोमीटर की दूरी पर है।
- सेंट ब्रिजेट चर्च , कुमाऊं रेजिमेंट सेंटर जो एक प्रसिद्ध म्यूजियम है।
- रानीखेत द्वाराहाट क्षेत्र इस स्थान के पास 65 मंदिर बने हुए हैं जो पुरातत्व कल के बिछड़ नमूना के साक्षात उदाहरण है।
- जिसमें बद्री केदार मंदिर, गुर्जर देव का कलात्मक मंदिर ,दूणागिरी मंदिर, पाषाण मंदिर, बावरिया मंदिर प्रसिद्ध है।
- आशियाना पार्क, मनकामेश्वर मंदिर, रानी झील यहां की प्रसिद्ध जगह है।
- चौबटिया गार्डन, ताड़ी खेत, शीतला खेत, कटारमल सूर्य मंदिर, मां कालिका मंदिर आदि
- रानीखेत की यात्रा का सही समय गर्मियों में ही है। गर्मियों के समय यहां का तापमान 22 डिग्री से न्यूनतम तापमान 8 डिग्री होता है, और सर्दियों के समय यहां का तापमान 7 से 10 डिग्री रहता है, और न्यूनतम 8 डिग्री हो जाता है।
6 मुक्तेश्वर मंदिर :
उत्तराखंड के कुमाऊं की पहाड़ियों में बसा मुक्तेश्वर एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। जो दिल्ली से करी 350 किलोमीटर और नैनीताल से 48 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- मुक्तेश्वर मंदिर भारत का बेहद प्राचीन मंदिर है जो लगभग साढे 300 साल पुराना है हिंदू धर्म ग्रंथो में शिव को समर्पित 18 सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक मंदिरों में इसकी गणना की जाती है। पर्यटक यहां इसकी ऊंचाई का शानदार दृश्य देखकर आश्चर्यचकित रह जाते हैं।
- मुक्तेश्वर मंदिर सफेद संगमरमर का शिवलिंग पर मौजूद है। जो एक तांबे की योनि है।भगवान शिव के अतिरिक्त यहां पर भगवान गणेश, ब्रह्मा, विष्णु ,पार्वती, हनुमान और नंदी सहित अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई है
- अक्टूबर से अप्रैल के महीने के दौरान यहां आने के लिए उचित समय है, क्योंकि इसी समय यहां मुक्तेश्वर उत्सव मंदिर में मनाया जाता है। यह तो हर एक वर्ष उत्सव के एक भाग के रूप में मनाते है यहां रहने वाले हिंदू लोग मानते हैं मुक्तेश्वर उत्सव चार दिनों के लिए मनाया जाता है इस मंदिर की ऊंचाई 35 फिट है और एक सामान्य संरचना है जो उड़ीसा की वस्तु कला को दर्शाती है।
7 कसौली :
हिमाचल राज्य के दक्षिण पश्चिम भाग में एक छोटा सा शहर है, जो अपने हिल स्टेशनों के लिए जाना जाता है। कसौली के आसपास घूमने के लिए कई प्रसिद्ध जगह है। जिसमें कसौली ब्रूअरी क्राइस्ट चर्च यहां का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहां आकर को शांति का अनुभव करते हैं
- सनसेट पॉइंट सूर्यअस्त के समय देवदार के परिदृश्य और घाटियों का कि सुंदर दृश्य का आनंद लेने के लिए लोग इस स्थान पर आते हैं।
- मॉल रोड कसौली का एक शॉपिंग बाजार है। जहां बहुत सारी दुकान रेस्टोरेंट और क्लब बनाए गए हैं। जिससे पर्यटन ऑफ बीट के दौरान अपने खाने पीने के लिए और मनोरंजन के लिए आ सके।
- मंकी प्वाइंट कसौली का सबसे ऊंचा पर्यटन स्थल है।यहां भगवान हनुमान जी ने भारतीय महाकाव्य रामायण में घायल लक्ष्मण के लिए औषधि जड़ी बूटियां की खोज करते समय अपना पैर रखा था ऐसी मान्यता है।
- कृष्ण भवन मंदिर जिसका निर्माण 1926 में किया गया था। जो एक महत्वपूर्ण वास्तुकला का जीता जागता उदाहरण है। बाबा बालक नाथ मंदिर यह भगवान शिव के प्रबल अनुयाई बाबा बालक नाथ को समर्पित है। जो कसौली से 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।ऐसी मान्यता है कि कोई नई संतान दंपति यहां आकर प्रार्थना करें तो उसे संतान की प्राप्ति होती है।
- श्री गुरु नानक जी गुरुद्वारा यह कसौली का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्रों में से एक पर्यटन स्थल की दृष्टि से अद्भुत सौंदर्य पूर्ण स्थल है। जहां रोज भारी संख्या में लोग यहां आते हैं।
गोरख कील टिंबर ट्रेल आदि
कसौली आने के लिए दिसंबर से जनवरी के दौरान यहां चरम सर्दियां पड़ती हैं, और गर्मियों में पर्यटकों को यहां आना बेहद पसंद होता है, क्योंकि यहां की जलवायु ठंडी रहती है। जो एडवेंचर करने के लिए और ऑफ़ बीट के लिए बेहतर मानी जाती है।
8 धारचूला :
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित खूबसूरत दृश्य, प्राकृतिक वातावरण को समर्पित धारचूला पर्यटन स्थल के लिए प्रसिद्ध है। मानसरोवर और छोटा कैलाश की यात्रा के दौरान यात्रीगण धारचूला घूमते हुए आगे बढ़ते हैं।
धारचूला में पर्यटकों के घूमने के लिए दर्शनीय स्थल
- ओम पर्वत जो धारचूला का मशहूर पर्वत है। जो पश्चिम नेपाल और उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। यह पर्वत लगभग 6191 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ओम पर्वत की ट्रैकिंग के दौरान आपको प्रकृति के सुंदरता का अंदाजा हो जाता है।
- जौल जीबी धारचूला से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर यह जगह स्थित है।
- काली नदी का नाम यहां स्थित काली माता के छोटे से मंदिर पर रखा गया था। जो पर्यटक इस नदी के आसपास आते हैं वह मंदिर के दर्शन भी करते हैं।
- अस्कोट अभ्यारण वनस्पति और वन्य जीव प्रेमी पर्यटक इस स्थान पर अवश्य आते हैं यह पिथौरागढ़ से लगभग 54 किलोमीटर की दूरी बस स्थित है।
- चिरकिला बांध काली नदी के ऊपर बनाया गया ।
- नारायण आश्रम कैलाश आदि
- धारचूला आने के लिए सही समय मानसून के अंत और सर्दियों की शुरुआती समय में आना है। क्योंकि यहां सर्दियों के मौसम में बहुत ठंड होती है, और गर्मी में बहुत गर्मी है।
9 उत्तराखंड की बेहतरीन जगह में से प्रसिद्ध औली एक पर्यटन स्थल की दृष्टि से एक मशहूर जगह है। यह एडवेंचर के लिए यह काफी लोकप्रिय है। ट्रैकिंग, रोपवे, स्विंग जैसी एक्टिविटी का यहां पर्यटक भरपूर आनंद उठा सकते हैं। सर्दियों के मौसम में यहां की पहाड़ियों का दृश्य मनोरम होता है। जो उत्तराखंड की यात्रा कर रहे हैं, तो आप औली भी घूम सकते है ।
10 पहाड़ों के बीच में स्थित भीमताल समुद्र तल से 1370 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पर्यटन स्थल है। प्राकृतिक सुंदरता की बीच यहां आपको कई मंदिर देखने को भी मिल जाएंगे लोगों की भीड़ से दूर हटकर यह स्थान काफी शांत है। जहां आप अपने दोस्तों और परिवार जनों के साथ आकर समय व्यतीत कर सकते हैं, और ऑफबीट करने के लिए यह स्थान उत्तम है।
11 उत्तराखंड का पर्यटन स्थल यमुनोत्री यमुना नदी की उत्पत्ति के रूप में श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। यह चार धामों में से एक माना जाता है। 3293 मीटर की ऊंचाई पर यह यमुनोत्री गढ़वाल हिमालय की गोद में बसा हुआ है। यमुना को मौत के देवता के रूप में हिंदू पौराणिक कथाओं में प्रतिष्ठित किया गया है। ऐसा माना जाता है, कि यमुना में स्नान करने से अंतिम समय में मृत्यु दर्द रहित होती है।
यह सभी उत्तराखंड की प्रसिद्ध पर्यटन स्थल अपनी धार्मिक मान्यताओं अपनी एडवेंचर अपनी खूबसूरती को अपने में समाए हुए हैं। जिसे देखने के लिए देश भर से पर्यटक यहां आते हैं।