Amarnath Yatra 2022: अमरनाथ यात्रा की जानकारी और गुफा का पौराणिक इतिहास
अमरनाथ यात्रा की जानकारी : अमरनाथ भगवान शिव के प्रमुख स्थानो मे से एक है । यहा की प्रमुख बात यह है की यहा पर उपस्थित शिवलीग स्वयं निर्मित होता है । स्वयं निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहते है । इस शिवलिंग के दर्शन आषाढ़ पुर्णिमा से लेकर रक्षा बंधन तक प्राप्त होते है। कहा जाता है की चंद्रमा के घटने बढ्ने के साथ साथ इस शिवलिंग का आकार भी घटता बढ़ता है । इस शिवलिंग की खास बात यह है की यह शिवलिंग ठोस बर्फ का बना होता है जबकि जिस गुफा मे यह शिवलिंग स्तिथ व्हा उपस्थित अन्य बर्फ हिमकण के रूप मे होती है। जिस प्रकार भगवान शिव का शिवलिंग है ठीक उसी प्रकार उसी गुफा मे कुछ दूरी पर भगवान गणेश, पार्वती जी तथा भैरव बाबा के भी ठोस लिंग बनते है।
अमरनाथ गुफा को पुरातत्व विभाग वाले 5 हजार वर्ष पुराना मानते हैं इसी गुफा मे शिव जी ने माता पार्वती को कथा मे अमरनाथ यात्रा मे आने वाले समस्त स्थलो का वर्णन किया था यही कथा वर्तमान मे अमर कथा नाम से प्रचलित है । कहा जाता है कि जब भगवान शिव माता पार्वती को कथा सुनने लेजा रहे थे तो उन्होने छोटे छोटे नागो को अनंत नाग मे, कपाल के चन्दन को चंदनबाड़ी मे, पिस्सुओ को पिस्सू टॉप पर तथा शेषनाग को शेषनाग पर छोड़ा । यह स्थल आज भी अमरनाथ यात्रा के दौरान मार्ग मे आते है । इस गुफा को सबसे पहले एक मुस्लिम गड़रिये ने देखा था आज भी अमरनाथ से प्राप्त चढ़ावे का एक भाग उस मुस्लिम गड़रिये के परिवार को दिया जाता है ।
अमरनाथ की ऊंचाई 3888 मीटर है। पैदल चलाई 16 किमी है श्रीनगर से दूरी 141km है
जो नागरिक अमरनाथ यात्रा 2022 में भाग लेना चाहते हैं और दक्षिण कश्मीर की तीर्थ यात्रा पर जाना चाहते हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अमरनाथ यात्रा पंजीकरण कर सकते हैं।
अमरनाथ यात्रा की जानकारी
Country | India |
Pilgrimage | Amar Nath Yatra 2022 |
Registration Start Date | 11 April 2022 |
Amarnath Yatra 202 Schedule | 30th June 2022 – 11th August 2022 (41 Days) |
Age Limit | 13 Years – 75 Years |
Fee | ₹150/- (As per last year) |
Official Website | jksasb.nic.in |
अमरनाथ यात्रा 2022 के लिए पंजीकरण कैसे करें?
रजिस्टर करने के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
जिसका लिंक है- jksasb.nic.in
आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल जाएगा।
जिसमें आपको रजिस्टर के ऑप्शन को सेलेक्ट करना है।
सेलेक्ट करने के बाद अगला पेज खुलेगा।
सबसे पहले आपको I सहमत के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
फिर अगले पेज पर आपको अपनी सारी जानकारी सही-सही भरनी है।
भरने के बाद सबमिट पर क्लिक करें।
अमरनाथ यात्रा के लिए आपका पंजीकरण पूरा हो जाएगा।
अमरनाथ यात्रा 2022 पंजीकरण शुल्क ₹150/- है, जो जम्मू और कश्मीर श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट @ jksasb.nic.in पर उपलब्ध पिछले वर्ष की जानकारी के अनुसार है। अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण शुल्क का भुगतान विभिन्न भुगतान विधियों जैसे डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग और यूपीआई के माध्यम से किया जा सकता है।
अमरनाथ यात्रा रूट
पहलगाम या बालटाल तक आप किसी भी वाहन से पहुंच सकते हैं लेकिन इससे आगे का सफर आपको पैदल ही करना होगा। पहलगाम और बालटाल से ही अमरनाथ की पवित्र गुफा तक पहुंचने के दो रास्ते निकलते हैं। ये दोनो ही स्थान श्रीनगर से अच्छी तरह जुड़े हैं इसलिए अधिकतर श्रद्धालु श्रीनगर से ही अपनी यात्री की शुरुआत करते हैं। पहलगाम से अमरनाथ की पवित्र गुफा की दूरी करीब 48 किलोमीटर और बालटाल से 14 किलोमीटर है।
बालटाल रूट- अमरनाथ गुफा तक बालटाल से कम समय में पहुंच सकते हैं। यह छोटा रूट है। बालटाल से अमरनाथ गुफा की दूरी करीब 14 किलोमीटर है लेकिन यह रास्ता काफी कठिन और सीधी चढ़ाई वाला है इसलिए इस रूट से ज्यादा बुजुर्ग और बीमार नहीं जाते हैं।
पहलगाम रूट- पहलगाम रूट अमरनाथ यात्रा का सबसे पुराना और ऐतिहासिक रूट है। इस रूट से गुफा तक पहुंचने में करीब 3 दिन लगते हैं। लेकिन यह ज्यादा कठिन नहीं है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी का आता है जो पहलगाम बेस कैंप से करीब 16 किलोमीटर दूर है यहां तक रास्ता लगभग सपाट होता है इसके बाद चढ़ाई शुरू होती है। इससे अगला स्टॉप 3 किलोमीटर आगे पिस्सू टॉप है। तीसरा पड़ाव शेषनाग है जो पिस्सू टॉप से करीब 9 किलोमीटर दूर है। शेषनाग के बाद अगला पड़ाव पंचतरणी का आता है जो शेषनाग से 14 किलोमीटर दूर है। पंचतरणी से पवित्र गुफा केवल 6 किलोमीटर दूर रह जाती है।
कैसे पहुंचा जाये
By Air
श्रीनगर, निकटतम हवाई अड्डा, देखने के लिए विश्व प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं, जैसे डल झील, नागिन झील, शंकराचार्य मंदिर और शालीमार, निशात और चश्मा-शाही जैसे मुगल उद्यान। पृथ्वी पर स्वर्ग के रूप में जाना जाता है और जम्मू और कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के नाते, यह शहर हवाई और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली और जम्मू से श्रीनगर के लिए दैनिक उड़ानें हैं। कुछ सप्ताह के दिनों में उड़ानें चंडीगढ़ और लेह से यात्रियों को पिक करती हैं।
By Road
जम्मू और श्रीनगर भी सड़क मार्ग से जुड़े हुए हैं। यात्रा के इस भाग के लिए बसें और टैक्सी उपलब्ध हैं। इन्हें दैनिक के साथ-साथ पूरे दौरे के आधार पर किराए पर लिया जा सकता है।
By Train
जम्मू निकटतम रेलवे स्टेशन है। जम्मू जम्मू और कश्मीर की शीतकालीन राजधानी है। मंदिरों के शहर के रूप में भी जाना जाता है, कोई भी पुराने मंदिरों जैसे रघुनाथ मंदिर, महादेव मंदिर और अन्य मंदिरों की यात्रा कर सकता है। रेलवे स्टेशन बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और भारत के विभिन्न शहरों के लिए बहुत सारी एक्सप्रेस ट्रेनें हैं।