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परिचय:
राजस्थान के टोंक जिले में स्थित डिग्गी गांव में प्रतिवर्ष कल्याण जी का मेला लगता है। यह मेला हिंदू धर्म के एक लोकप्रिय देवता, कल्याण जी के सम्मान में आयोजित किया जाता है। यह मेला अपने भव्य आयोजन, धार्मिक उत्साह और सांस्कृतिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है।कल्याण जी का मेला हर साल हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को लगता है। यह मेला राजस्थान के टोंक जिले के डिग्गी स्थित श्री कल्याण जी मंदिर में आयोजित किया जाता है।
मेला हर महीने की पूर्णिमा को लगता है, लेकिन वैशाख पूर्णिमा, श्रावण एकादशी और अमावस्या, और जल झूलनी एकादशी को बड़ा मेला आयोजित किया जाता है।
मेला शहर और आसपास के ग्रामीण और कस्बों के लिए प्रसिद्ध है।
कल्याण जी मंदिर:
कल्याण जी का मेला डिग्गी गांव में स्थित श्री कल्याण जी मंदिर में आयोजित किया जाता है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मंदिर का निर्माण 5600 साल पहले राजा दिग्वा ने करवाया था। मंदिर की वास्तुकला अत्यंत सुंदर और भव्य है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की एक विशाल प्रतिमा स्थापित है।
मेले का इतिहास:
कल्याण जी का मेला राजस्थान के टोंक जिले के डिग्गी गांव में स्थित श्री कल्याण जी मंदिर में लगने वाला एक प्रमुख धार्मिक मेला है। यह मेला हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को लगता है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं, जिनमें से कई भक्त पैदल चलकर मंदिर पहुंचते हैं।
कल्याण जी के मेले का इतिहास बहुत पुराना है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 5600 साल पहले राजा दिग्वा ने करवाया था। तब से यह मेला लगातार लग रहा है। यह मेला कल्याण जी के प्रति लोगों की आस्था का प्रतीक है।
कल्याण जी के मेले में कई तरह के कार्यक्रम होते हैं, जिनमें भजन-कीर्तन, नृत्य, संगीत आदि शामिल हैं। इसके अलावा, मेले में कई तरह की दुकानें भी लगती हैं, जहां श्रद्धालु प्रसाद, वस्तुएं आदि खरीद सकते हैं।
कल्याण जी के मेले का धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही दृष्टि से बहुत महत्व है। यह मेला राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
यहां कुछ प्रमुख तथ्य दिए गए हैं जो कल्याण जी के मेले के इतिहास के बारे में जानकारी देते हैं:
यह मेला हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को लगता है।
इस मेले में लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं, जिनमें से कई भक्त पैदल चलकर मंदिर पहुंचते हैं।
कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 5600 साल पहले राजा दिग्वा ने करवाया था। तब से यह मेला लगातार लग रहा है।
यह मेला कल्याण जी के प्रति लोगों की आस्था का प्रतीक है।
कल्याण जी के मेले में कई तरह के कार्यक्रम होते हैं, जिनमें भजन-कीर्तन, नृत्य, संगीत आदि शामिल हैं।
इसके अलावा, मेले में कई तरह की दुकानें भी लगती हैं, जहां श्रद्धालु प्रसाद, वस्तुएं आदि खरीद सकते हैं।
कल्याण जी के मेले का धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही दृष्टि से बहुत महत्व है। यह मेला राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
मेले का मुख्य आकर्षण:
श्री कल्याण जी का मेला, जो राजस्थान के टोंक जिले के डिग्गी में आयोजित किया जाता है, एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम है। यह मेला हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को लगता है।
मेले का मुख्य आकर्षण है श्री कल्याण जी का मंदिर। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और यह 5600 साल पुराना बताया जाता है। मंदिर के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं।
मेले का एक अन्य आकर्षण है भक्तों द्वारा किया जाने वाला नृत्य। इस नृत्य में भक्त वर्गाकार गहर बनाकर नृत्य करते हैं। यह नृत्य एक संगीतमय वातावरण में होता है और यह श्रद्धालुओं में भक्ति की भावना को बढ़ा देता है।
मेले में अन्य आकर्षणों में शामिल हैं:
मेले में विभिन्न प्रकार के झूले, मौत का कुआं, सर्कस आदि का आयोजन किया जाता है।
मेले में विभिन्न प्रकार के व्यंजन और मिठाइयों की दुकानें भी सजाई जाती हैं।
मेले में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जिनमें संगीत, नृत्य और नाटक शामिल हैं।
श्री कल्याण जी का मेला राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मेला धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों रूप से महत्वपूर्ण है। यह मेला राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और लोकाचार को दर्शाता है।
निकटतम हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन और सड़क मार्ग:
डिग्गी गांव टोंक जिले में स्थित है। टोंक का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर का सांगानेर हवाई अड्डा है। जयपुर से टोंक की दूरी लगभग 120 किलोमीटर है। टोंक का निकटतम रेलवे स्टेशन टोंक रेलवे स्टेशन है। टोंक रेलवे स्टेशन से डिग्गी की दूरी लगभग 10 किलोमीटर है। टोंक से डिग्गी के लिए बसें और टैक्सी भी उपलब्ध हैं।
विश्राम की व्यवस्थाएं:
डिग्गी गांव में मेले के दौरान पर्याप्त विश्राम की व्यवस्थाएं उपलब्ध होती हैं। गांव में कई धर्मशालाएं, होटल और गेस्टहाउस हैं। मेले के दौरान गांव में कई अस्थायी दुकानें भी लगती हैं, जिनसे खाने-पीने और अन्य आवश्यक सामानों की खरीदारी की जा सकती है।
नए अपडेट:
2023 में, कल्याण जी का मेला 24 अगस्त, 2023 से 2 सितंबर, 2023 तक आयोजित किया जाएगा। इस वर्ष मेले में कई नए कार्यक्रमों की व्यवस्था की गई है। इनमें से कुछ प्रमुख कार्यक्रम निम्नलिखित हैं:
एक विशाल भंडारा: इस वर्ष मेले में एक विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा। इस भंडारे में सभी श्रद्धालुओं को मुफ्त भोजन मिलेगा।
एक सांस्कृतिक कार्यक्रम: इस वर्ष मेले में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में राजस्थानी लोककला और संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा।
एक विशेष आकर्षण: इस वर्ष मेले में एक विशेष आकर्षण भी होगा। यह आकर्षण एक विशाल अष्टधातु की मूर्ति होगी। यह मूर्ति भगवान विष्णु को समर्पित होगी।
कल्याण जी का मेला एक अद्भुत और भव्य आयोजन है। यह मेला राजस्थान के सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को दर्शाता है। यह मेला सभी के लिए एक यादगार अनुभव होता है।
अगले वर्ष, यदि आप राजस्थान घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो कल्याण जी का मेला जरूर जाएं। यह एक ऐसा आयोजन है जिसे आप कभी नहीं भूलेंगे।