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बैजनाथ भगवान शिव के एक अवतार है। इस अवतार में उन्होंने अपने भक्तों के सभी दुख-पीड़ा को दूर किया हैं। भगवान शिव के भक्तों के लिए यह मंदिर बहुत महत्व रखता है। इसके साथ ये बेहद पवित्र स्थान माना जाता है। बैजनाथ धाम उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले के कुमाऊ मण्डल में स्थित है।
यह मंदिर गोमती नदी के किनारे 2 किलोमीटर की दूरी पर निर्मित किया गया है। इस मंदिर को 1000 साल पुराना बताया जाता है। कहते हैं, यह मंदिर सिर्फ एक रात में बनकर तैयार हो गया था ।
बैजनाथ धाम का इतिहास
गोमती नदी के किनारे बने इस बैजनाथ धाम को कत्यूरी राजा ने 1150 ईस्वी में बनाया बनवाया था। इस मंदिर की ऊंचाई 1126 मीटर है। 12वीं सदी में इस मंदिर का मुख्य आकर्षण केंद्र भगवान शिव, गणेश ,पार्वती, चंडिका ,कुबेर और सूर्य मंदिर था।
ऐसी मान्यता है कि शिवा पार्वती ने गोमती और गंगा नदी के संगम पर विवाह किया था।
बैजनाथ मंदिर का निर्माण कत्यूरी शैली में हुआ है। यहां के मुख्य मंदिर में भगवान शिव एकलिंग के रूप में विराजमान है। उनके साथ ही माता पार्वती की अद्भुत प्रतिमा भी है। जिसका निर्माण काले रंग के पत्थरों से किया गया है।
भारत सरकार ने इस मंदिर को उत्तराखंड के राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में मान्यता प्रदान की है। बैजनाथ मंदिर का पौराणिक नाम वैद्यनाथ बताया जाता है।
बैजनाथ मंदिर की पौराणिक कथाओं में यह कथा सर्वप्रसिद्ध है, कि दैत्य राजा रावण ने भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहां तपस्या करने का फैसला किया था। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे लंका का शासक और अद्वितीय शक्तियां प्रदान की।
तब भगवान शिव ने खुद को शिवलिंग के रूप में बदलकर लंका जाने से पहले शिवलिंग को स्थापित करने के लिए आदेश दिया । तब वहां भगवान विष्णु भिखारी रूप धारण करके आए ,और रावण ने विष्णु को शिवलिंग प्रदान की । तभी शिवलिंग वहां स्थापित और अचल हो गई । जिस स्थान पर शिवलिंग को रखा गया , उसे स्थान को आज बैजनाथ धाम के नाम से जाना जाता है।
एक ऐसी मान्यता भी है, कि बैजनाथ मंदिर के नदी के जल में औषधीय गुण विद्यमान है। जिससे कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। यह मान्यता हर साल लाखों पर्यटकों को इस मंदिर की ओर आने के लिए आकर्षित करते हैं।
बैजनाथ धाम में मनाए जाने वाले त्योहार
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति माघ के महीने में यहां मनाया जाता है। यह महीना हिंदू धर्म के लिए और हिंदुओं के लिए बहुत पावन महीना होता है। ऐसी मान्यता है, कि बैजनाथ मंदिर के नीचे बहती हुई नदी में स्नान करने से आपके सारे पाप धूल जाते हैं, और यहां इस दिन पतंगबाजी और प्रभु को लड्डू चढ़ाया जाता है।
महाशिवरात्रि
इस मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन बहुत जोश और उत्साह के साथ यह दिन मनाया जाता है।
महाशिवरात्रि के दौरान पूरे मंदिर परिसर को खूबसूरती से सजाते हैं। इस उत्सव में भाग लेने के लिए सभी हिस्सों से लोग आते हैं। भगवान शिव का आशीर्वाद महाशिवरात्रि के दिन प्राप्त करना बहुत संजोग की बात है।
बैजनाथ मंदिर दर्शन के लिए जाने का सही समय
भक्तगण मंदिर के दर्शन के लिए पूरे साल आते हैं, लेकिन सितंबर अक्टूबर के समय यहां ज्यादा भक्तों का सैलाब उमड़ता है। मंदिर के आसपास काफी अच्छी दर्शनीय स्थल हैं, इसलिए दर्शन के साथ यात्री वहां भी घूम लेते हैं। अप्रैल से जून के समय भी यहां का मौसम बेहद अच्छा होता है।
इस दिन आप दर्शन के लिए जा सकते हैं। आप घर से बाहर प्रकृति की गोद में आनंद ले सकते हैं। मानसून के समय पहाड़ी इलाके में यात्रा करना उचित नहीं होता इसलिए जुलाई-अगस्त के समय यहां आने से बचें । अगर आप शांत जगह की तलाश करते हैं, तो यह जगह आपके लिए ही बनी है। अगर आप बर्फ देखने की शौकीन है, तो सर्दियों में आपको यहां आना चाहिए ।
बैजनाथ मंदिर के आसपास के दर्शनीय स्थल
यदि आप बैजनाथ धाम के दर्शन के लिए उत्तराखंड आते हैं , तो इन पर्यटक स्थलों को भी देखकर जरूर जाएं । यहां आकर आपको आनंद की अनुभूति होगी ।
- करेरी झील
- ब्रजेश्वरी मंदिर
- कांगड़ा किला
- धौलाधार रेंज
- ज्वालामुखी मंदिर
- बीर बिलिंग
- पालमपुर पर्यटन
- चामुंडा देवी मंदिर
- मैकलोड़
- कालेश्वर महादेव मंदिर
- कागड़ा कला संग्रहालय
- बिगुल गांव
- पिंडारी ग्लेशियर ट्रैक
- चंद्रिका मंदिर
- गौरी उडियार गुफा
बैजनाथ मंदिर कैसे जाए ?
रेल के द्वारा :
भारत के सभी शहरों से उत्तराखंड के लिए सीधी ट्रेन चलती है, लेकिन बैजनाथ धाम के लिए डायरेक्ट कोई ट्रेन नहीं है। मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है। जो लगभग 154 किलोमीटर दूर है।
इसके अलावा मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट रेलवे स्टेशन है। जो मंदिर से 141 किलोमीटर दूर है। आप पठानकोट से मंदिर तक के लिए टैक्सी या बस के द्वारा मंदिर आ सकते हैं।
बस के द्वारा :
मंदिर के निकटतम बैजनाथ बस स्टॉप भी है। जो मंदिर से केवल चार पांच मिनट की दूरी पर है। बैजनाथ मंदिर से निकटतम पालमपुर हिमाचल प्रदेश शहरों से होते हुए बस बैजनाथ धाम पहुंचती है। यह बस से दिल्ली शहर से आपको मिल जायेगी । डीलक्स या गैरडीलक्स बसों का किराया 500 से 1000 रुपए होगा।
हवाई मार्ग के द्वारा
अगर आप हवाई मार्ग के द्वारा मंदिर जाना चाहते हैं, तो मंदिर से निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है। जो मंदिर से 188 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप हवाई मार्ग द्वारा यहां आकर बस टैक्सी के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं। यह दूरी तय करने में आपको छ: घंटे का समय लगेगा ।
बैजनाथ धाम के निकट अच्छे होटल
- होटल विनवा ब्लू
- कृष्णा माउंटव्यू माउंटेन रिजॉर्ट
- कसार जंगल रिसोर्ट
- बिनसर एको रिसोर्ट
- सन एंड स्नो इन् ब्य लेसर होटेल
बैजनाथ मंदिर एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों में से एक है। उत्तराखंड में रहने वाले हर एक व्यक्ति को इस स्थान को अवश्य देखना चाहिए। दुनिया भर के लोगों को यहां आकर मंदिर के दर्शन करना चाहिए। यहां का प्राकृतिक वातावरण ,सुंदरता ,आध्यात्मिक माहौल आपको शांत और आनंद का अनुभव कराएगा ।
इसीलिए अविस्मरणीय अनुभव लेने के लिए बैजनाथ धाम मंदिर जीवन में एक बार जरूर जाए।
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